चलो हम मानवता का दीप जलाएं प्यार से
चलो हम मानवता का दीप जलाएं प्यार से
सभी धर्मो के ईश्वर एक ही है
हालाकि जग में उनका नाम है अनेक
मंदिर मस्जिद गिरिजाघर पृथक नही है
चलो हम मानवता का दीप जलाएं प्यार से।
अफवाहों ने ऐसा जोर पकड़ा कि
न जाने इंसानियत कहां खो रहा है
इस जग में जियो और जीने दो सभी को
चलो हम मानवता का दीप जलाएं प्यार से।
मैने जिंदगी को गिरगिट की तरह
रंग बदलते हुए करीब से देखा है
तन को धोया पर मन को नही धो पाया
चलो हम मानवता का दीप जलाएं प्यार से।
वक्त की जो करता नही है कद्र
वक्त उसी को ही असमय खा जाता है
देख तेरे परिवार की हालत क्या हो रहा है
चलो हम मानवता का दीप जलाएं प्यार से।
मानव ही है विवेकशील उत्तम प्राणी
जिंदगी सदा हरि भरी नही होती
कभी कांटो की सेज भी होती है
मानव हो मानव का सम्मान करना सीख जाओ
चलो हम मानवता का दीप जलाएं प्यार से।
नूतन लाल साहू
Mohammed urooj khan
25-Apr-2024 11:44 PM
👌🏾👌🏾👌🏾
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Reena yadav
25-Apr-2024 06:03 PM
👍👍
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Abhinav ji
25-Apr-2024 08:19 AM
Very nice 👌
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